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गर्भावस्था के बारे में ग़लतफ़हमियों का पर्दाफ़ाश


गर्भावस्था एक जादुई वक़्त होता है जब एक नई जान दुनिया में लाने के लिए महिला के शरीर में शानदार बदलाव होते हैं। बदक़िस्मती से, यह एक ऐसा वक़्त भी होता है जब कई अफ़वाहें और ग़लतफ़हमियाँ सुनाई देती हैं। इस लेख में, हम गर्भावस्था के बारे में कुछ आम ग़लतफ़हमियों को उजागर करके वैज्ञानिक सबूतों की बुनियाद पर इनके झूठ का ख़ुलासा करेंगे।



ग़लतफ़हमी #1: दो के लिए भोजन करना

सबसे बड़ी ग़लतफ़हमी यह है कि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को दो लोगों के लिए खाना होता है। यह सच नहीं है। यह ज़रूरी है कि गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ, संतुलित आहार लिया जाए, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप अपनी कैलोरीज़ को दोगुना कर दें। सच तो यह है कि ज़्यादा खाने से आपका वज़न बहुत बढ़ जाएगा, और इसकी वजह से आपकी प्रेगनेंसी में समस्याएं पैदा हो सकती हैं।


ग़लतफ़हमी #2: पीठ के बल सोना सुरक्षित है

कई गर्भवती महिलाओं का मानना है कि प्रेगनेंसी के दौरान पीठ के बल सोना सुरक्षित होता है। लेकिन, यह सच नहीं है। पीठ के बल सोने से बच्चे और गर्भाशय के भार से एक प्रमुख रक्त वाहिका, वेना कावा, दब सकती है, और इससे आपके बच्चे तक पहुँचने वाले ख़ून में रुकावट आ सकती है। ख़ून के बहाव में सुधार और समस्याओं के ख़तरों को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं को बाईं ओर करवट लेकर सोने की सलाह दी जाती है।


ग़लतफ़हमी #3: व्यायाम से नुक़सान होता है

एक और आम ग़लतफ़हमी यह है कि गर्भवती महिलाओं को व्यायाम से पूरी तरह बचना चाहिए। लेकिन सच्चाई इससे उलटी है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करना मां और बच्चे दोनों के लिए बेहद फ़ायदेमंद होता है। इससे सही वज़न बरक़रार रखने में मदद मिल सकती है, गर्भकालीन मधुमेह के ख़तरे कम हो सकते हैं और आपकी कुल सेहत भी बेहतर हो सकती है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को हाई-इम्पैक्ट व्यायाम से बचना चाहिए और कोई भी व्यायाम प्रोग्राम शुरू करने से पहले अपने स्वास्थ्य सलाहकार से परामर्श करना चाहिए।


ग़लतफ़हमी #4: मार्निंग सिकनेस सामान्य बात है

मॉर्निंग सिकनेस (जी मचलाना और उल्टी आना) गर्भावस्था का एक आम लक्षण है, लेकिन यह सामान्य नहीं है। यह शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है, और हालांकि इससे परेशानी हो सकती है,, यह माँ या बच्चे के लिए नुक़सानदेह नहीं है। लेकिन, अगर मॉर्निंग सिकनेस गंभीर है और लगातार बना रहता है, तो इससे डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) हो सकती है और आपका वज़न घट सकता है। अगर गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस होती है, तो उन्हें अपने स्वास्थ्य सलाहकार से बात करनी चाहिए।


ग़लतफ़हमी #5: कैफ़ीन और प्रेगनेंसी एक साथ नहीं चल सकती

कई महिलाओं का मानना है कि गर्भावस्था के दौरान कैफ़ीन से बचना चाहिए। लेकिन सच तो यह है कि हर रोज़ 200 मिलीग्राम से कम कैफ़ीन लेना गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित है। परंतु, अगर आप कैफ़ीन की ज़्यादा मात्रा लेती हैं, तो इससे बच्चे के वज़न में कमी और अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसलिए, आप चाहें तो कुछ मात्रा में कैफ़ीन ले सकती हैं, यह नुक़सानदेह नहीं होता।


गर्भावस्था एक ख़ूबसूरत सफ़र है जिसमें सही देखभाल और ठीक से ख़्याल रखने की ज़रूरत होती है। गर्भावस्था के बारे में फैले झूठ को सच से अलग करना और आम ग़लतफ़हमियों को दूर करना ज़रूरी है। स्वस्थ आहार लेना, अच्छे से आराम करना, और नियमित व्यायाम करना सेहतमंद गर्भावस्था के लिए ज़रूरी है। अगर आपकी कोई भी चिंताएं हैं, तो अपने स्वास्थ्य सलाहकार से बात करें, जो आपको विज्ञान पर आधारित जानकारी दे सकते हैं।


 

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