जनवरी आ चुका है, जिसका मतलब है कि सर्वाइकल हेल्थ अवेयरनेस मंथ (गर्भाशय ग्रीवा स्वास्थ्य जागरूकता माह) आ चुका है! गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्वाइकल के स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान हासिल करना और फैलाना बेहद ज़रूरी है क्योंकि अगर इसकी अच्छी तरह से निगरानी नहीं की जाएगी तो यह अलग-अलग तबके के लोगों की एक बड़ी संख्या को प्रभावित कर सकता है। अच्छी ख़बर यह है कि सर्वाइकल कैंसर से बच पाना और इसका इलाज करना अन्य कैंसरों जितना मुश्किल नहीं है। एच.पी.वी. और सर्वाइकल कैंसर के लिए उचित रोकथाम उपाय इस्तेमाल करने के लिए askNivi आपकी कई तरीक़ों से मदद कर सकती है।
टीका लगवाएं!
सी.डी.सी. के मुताबिक़, एच.पी.वी. टीकाकरण आपको उन एच.पी.वी. प्रकारों से बचाता है जो अक्सर सर्वाइकल, योनि और वल्वा के कैंसर का कारण होते हैं। टीकाकरण किशोरावस्था में कदम रखने से पहले, यानि 11 और 12 साल के बच्चों के लिए, ख़ासतौर से ज़रूरी है। अगर यह समय गुज़र चुका है, तो 26 साल तक की उम्र वाले सभी लोगों को यह टीका लगवा लेना चाहिए। अगर आपकी उम्र 26 से ज़्यादा है, तो हो सकता है कि टीका आपके लिए सही विकल्प न हो और इसलिए आपको किसी स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श लेनी चाहिए। ख़ुशक़िस्मती से, टीका लगवाने या इस पर बातचीत करने के लिए AskNivi आपको सबसे क़रीबी क्लिनिक से जोड़ सकता है।
जाँच:
एच.पी.वी. के लिए टीका लगवाने के अलावा, दो तरह की जाँचें सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में मदद कर सकती हैं: पैप टेस्ट और/या एच.पी.वी. टेस्ट।
पैप टेस्ट:यह जाँच कैंसर से पहले की स्थिति का पता करती है, जिसका इलाज न किया जाए या जिस पर ध्यान न दिया जाए, तो सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। महिलाओं को 21 साल की उम्र में पैप टेस्ट करवाना शुरू कर देना चाहिए। 21-29 की उम्र के बीच अगर कोशिकाएं सामान्य दिखती हैं, तो यह टेस्ट हर 3 साल में और 30-65 की उम्र से हर 5 साल में करवाना चाहिए।
एच.पी.वी टेस्ट: यह जाँच 21-29 उम्र की महिलाओं को सिर्फ़ तब करवानी चाहिए जब पैप टेस्ट के नतीजों में कुछ असामान्य दिखाई देता है। 30-65 की उम्र की महिलाओं को, चाहे कुछ भी हो, हर 5 साल में एच.पी.वी. टेस्ट करवाना चाहिए।
हो सकता है आपको लगे कि यह सब याद रखना बहुत मुश्किल है, लेकिन फ़िक्र न करें, askNivi आपकी मदद के लिए मौजूद है! Asknivi आपको आपके नज़दीकी क्लिनिक से कनेक्ट कर सकती है ताकि आप एक ख़ुशहाल और स्वस्थ जीवन के लिए अपनी जाँच का समय सेट करना शुरू कर सकें।
जीवनशैली में बदलाव
क्लिनिक पर जाने के अलावा, आप अपनी जीवनशैली में भी कुछ ऐसे बदलाव ला सकते हैं, जो सर्वाइकल कैंसर से बचने में मदद कर सकते हैं। बचाव के तीन ज़रूरी उपायों में शामिल हैं, धूम्रपान छोड़ना, यौन संबंध के दौरान कंडोम का उपयोग करना, और अपने यौन साथियों की संख्या को सीमित करना।
इन उपायों का पालन करने से आपको अपने सर्वाइकल स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिलती रहेगी और एच.पी.वी. के जोखिम को कम करने में भी मदद मिलेगी!
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